मंगल मेष एवं वृश्चिक राशि के स्वामी हैं, इसलिए जिन व्यक्तिओ बहुत क्रोध आता है या मन ज्यादा अशांत रहता है उसका कारण मंगल ग्रह की उग्रता माना जाता और यह मंगल भात पूजा कुंडली में विद्धमान मंगल ग्रह की उग्रता को कम करने के लिए की जाती है, यह पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में नित्य होती है, जिसका पुण्य लाभ समस्त भक्तजन प्राप्त करते है।
भात पूजा
भात पूजा में धान या चावल से शिवलिंगरूपी मंगलदेव की पूजा की जाती है। यह पूजा आमतौर पर मांगलिक व्यक्तियों के लिए विवाह से पहले की जाती है, ताकि उन्हें शुभ फल प्राप्त हो सके।
मंगल दोष (Mangal Dosh) या मांगलिक किसे कहते हैं?
मंगल दोष वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय स्थिति है। यदि किसी की जन्म कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वे घर पर होता है, तो व्यक्ति को मंगल दोष से युक्त माना जाता है, और इन्हें ही "मांगलिक" (Manglik) कहा जाता है।
मंगल दोष के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
मंगल दोष को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से किसी के विवाह और जीवन पर निम्नलिखित प्रकार के प्रभाव (effects of Mangal Dosha) हो सकते हैं:
विवाह में देरी (Delay in Marriage): मंगल दोष प्रभावित व्यक्तियों को विवाह में देरी या विवादों का सामना करना पड़ सकता है।
विवाद और संघर्ष (Conflict and Strife): मंगल दोष के कारण पारिवारिक और व्यक्तिगत संघर्ष हो सकता है, और संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं।
स्वास्थ्य समस्याएँ (Health Issues): मंगल दोष के प्रभाव से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, और वह आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकता है।
करियर में चुनौतियाँ (Challenges in the Career): मंगल दोष के कारण करियर में चुनौतियाँ आ सकती हैं और काम में सफलता प्राप्त करने में दिक्कतें हो सकती हैं।
मंगल दोष निवारण कैसे करें?
"मांगलिक" (Manglik) स्थति विवाह के लिए अत्यंत विनाशकारी मानी गयी है | संबंधो में तनाव, कार्य में असुविधा तथा नुक्सान और व्यक्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मंगल को माना गया है | मंगल पूजा के द्वारा मंगल ग्रह को प्रसन्न किया जाता है,तथा उसके विनाशकारी प्रभावों को नियंत्रित किया जाता है, तथा सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाया जाता है |
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो मांगलिक व्यक्तियों के विवाह के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए:
कुंडली मिलान: मांगलिक व्यक्तियों के लिए कुंडली मिलान महत्वपूर्ण होता है। कुंडली मिलान से यह देखा जाता है कि क्या दोनों की कुंडलियों में मांगलिक दोष का प्रभाव है और कैसे इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। मांगलिक व्यक्तियों को अपनी कुंडली के अनुसार उपाय करने की सलाह ली जाती है। इसमें मंगल ग्रह की शांति के लिए पूजा, मंत्र जाप, और धार्मिक क्रिया शामिल होते हैं।
मंगल दोष निवारण पूजा: मांगलिक व्यक्तियों को विवाह के पहले मांगलिक दोष निवारण पूजा करवाने की सलाह दी जाती है। इस पूजा के दौरान मंत्र जाप और हवन किया जाता है ताकि दोष कम हो सके। मुख्यतः मंगल दोष पूजा उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में की जाती है।